Wednesday, September 24, 2008

L O V E R

आशिक  [II]
आज मैंने सचिन से इंटरव्यू के लिए appointment लिया ।
कबूतर तो कबूतरी से भी छोटा निकला, कद में। उम्र तो वही तीन-एजरी थी।

म.ह. :-  हेल्लो, सचित्र ,तुम्हारा यह नाम?
सचित्र:- वह मेरी बात काट कर बोला, मेरा नाम ही नही मेरा कार्ड भी सचित्र है, उसने अपनी स्वयं की तस्वीर वाला visiting card मेरे हाथ में थमा दिया।
पहले की मैंइससे अगला सवाल करू उसने ठेठ राजनीतिझ  वाले अंदाज़ में कहा "no persosonal questions please!" मैंने मन में सोचा person तो तुम अभी पूरे बने नही हो, इसलिए थोड़ा हट कर ही सवाल करना पड़ेगा!
म.ह. :- ब्लागर्स के प्रति मैरी जिझासा ही तुम्हारे पास लायी है!
सचित्र: - 'जिझासा' का मतलब तो नही मालूम , खेर , जो भी लाया है, आप पूछिये but no personal questions please.
म . ह.  :- हिन्दी में ब्लॉग्गिंग कब से कर रहे हो?
सचित्र:- no, no, basically, I am a english blogger। वह तो मेरे स्य्स्तेम सॉफ्टवेर से हिन्दी में ट्रांसलेट करवा लेता हू।
म.ह. :- इंग्लिश पर ही कृपा -द्रष्टि रखी होती तो?
सचित्र:- 'कृपा-द्रष्टि' मतलब?..., मगर इंग्लिश ब्लॉग पे कोई कमेंट्स नही मिल रहे थे , सोचा अपने देश-वासियों का ही भला करू!
म .ह:- हिन्दी रिस्पोंस केसा है?  क्या कहते है लोग?
सचित्र:- very nice, १५-२० तो हर एक पर आ ही जाते है, मगर ज्यादातर लोग meaning ही पूछते रहते है।dictionary भी नही खरीद सकते poor indians!
म.ह. : विषय क्या रहता है तुम्हारा?
सचित्र:- sabject की क्या कमी है, अपने स्वयं से ही स्टार्ट करो तो बरसो तक चलते रहेंगे! फ़िर मेरा तो principle ही है की charity begins from home।
म.ह.  क्या मतलब? भावनाओ का एसा तूफान है तुम्हारे मन में?
सचित्र :- हाँ, एक का नाम यही [भावना] ही था, but no personal questions please। मैं तो शरीर के प्रत्येक अंग को अपना विषय बना रहा हूँ बारी -बारी!
[अब मुझे समझ में आया की यह "नो पर्सनल ....वाला डायलोग तो उसका 'तकिया कलाम ' है।
म.ह. :- कोई उदहारण?
सचित्र: आँखे , होंठ , उँगलियाँ, कान, बाल , heart वगैरह । अरे, इस हार्ट ने तो कमाल ही कर दिया इस पर तो 'उसकी' सहेलियों के comments अभी तक आ रहे है।
म.ह. :- यह 'उसकी' कौन?
सचित्र:- no personal questions please, but मैं आपको बताउंगा , वास्तव में मैं भी 'उसको'  nick नेम ही से जानता हू ..."पतंग", मेरे हार्ट  टाइटल पर वह कटी पतंग ही की तरह तो आकर अटक गई है.क्या खुबसूरत इत्तेफाक है उसका पतंग होना और net के ज़रिये दिल पर अटकना।
म.ह. :- kidney पर नही लिखा तुमने?
सचित्र;- लिख लिया था लगभग , मगर वह उसके liver पर कुर्बान [न्योछावर] हो गया...आह!
म.ह:- किस तरह?
सचित्र:- जिस दिन 'किडनी' कम्प्लीट हो कर पब्लिश होने वाला ही था की उसने यह अशुभ समाचार सुनाया की वह भी लिवर पर एक ब्लॉग लिख रही है, जबकि मेरा अगला सब्जेक्ट वही था। उससे 'बहस' , 'तकरार' में मैं किडनी save नही कर पाया, और दोबारा लिख भी नही पाया।
म.ह: - फ़िर लिवर का क्या हुआ?
सचित्र:- उस पर तो हम इस एग्रीमेंट पर पहुंचे की इस विषय पर दोनों ही नही लिखेंगे, हालाँकि मेरा लिवर अब भी इस विषय के लिए उछल रहा है।
म.ह. :- तुम्हारा कोई unique ब्लॉग?
सचित्र:- ज़रूर होता, 'नाक' इस सम्बन्ध में दुनिया को पहली बार यह कांसेप्ट मिलता जो मैं 'नाक' को pyramid की उपमा से संबोधित करता।
म.ह. :- क्या हुआ 'नाक' का ?
चित्र:- वह 'भावना' लिख गई, में उसकी भावना को ठेस नही पहुँचाना चाहता , उसका एक मात्र ब्लॉग है उसकी "नाक" , मैं केसे काट देता?
म.ह. :- अगले ब्लोग्स के titles ?
सचित्र:- गला, कमर और most favourite एक और है, मगर मैं लिख नही पाऊंगा !
म.ह. :- कौनसा? और क्यो नही लिख पाओगे?
सचित्र:- नही,नही, शर्म आती है, [यह कहते कहते वह वाकई शर्म से लाल हो गया और फिर स्वयं ही इंटरव्यू समाप्त घोषित करते हुआ बोला... no personal questions please.
मैरे  पास भी उठने के अलावा कोई चारा न था , मगर इन सब बातो में कबूतरी यानि पतंग का असली नाम आपको बताना भूल ही गया। मै बता भी दू मगर अब मुझमे एक और जिझासा जगी है ,पतंग के ब्लॉग के titles जानने की , तब फ़िर इस बात को अगले इंटरव्यू तक बचाए रखे तो?
-मंसूर अली हाश्मी

1 comment:

Udan Tashtari said...

बचाये रखिये..हम तो हैं ही सुनने को!! :) सही है.