Wednesday, October 15, 2008

consumer fouram

तीसरा खंबा: कानूनी सलाह : क्या वकील का मुवक्किल एक उपभोक्ता है?

हम को उपभोक्ता बना लीजे ,
फीस जितनी भी हो बढा दीजे,
आप लड़िये हमारे खातिर ही,
बीच* वालो को सब हटा दीजे.


*फोरम्स

एम्. हाशमी

2 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत उम्दा, क्या बात है!

दिनेशराय द्विवेदी said...

बहुत खूब! हाशमी साहब!