Thursday, July 30, 2009

ये किस से यारी हो गयी !

बदमूल्य
ये किस से यारी हो गयी !


चाँद से चंदर बने मोहन के प्यारे हो गए,
जो उन्हें प्यारी थी वो [शादी] अल्लाह को प्यारी हो गयी.
अब मशीने फैसला करती है सच और झूठ का,
अब ज़मीरों पर हवस; इमाँ से भारी हो गयी
.


सामना सच का करे ! बस में नहीं हर एक के,
झूठ से पैसे बचे, चैनल जुवारी हो गयी.

किस ''करीने''* से जुदा एक चाकलेटी हो गया
नाम जिसपे गुड़** गया उससे ही यारी हो गयी.

नौ - गजी होती कभी थी इस्मते खातून* अब,
घटते-घटते अब तो ये, छ: फुटिया साड़ी हो गयी.

*करीना= सलीका , गुड़ना= tatoo

1 comment:

Hamara Ratlam said...

बहूत खूब !