Friday, September 30, 2011

Jab Bloggers Met


जब ब्लोगर Met


खो गए थे मेले में !
मिल गए अचानक  फिर,
इक नई ही दुनिया में,
बनके अबकि आभासी !!

रोज़ मिल भी जाते है,
बात हो भी जाती है,
अपने ही ब्लागों पर,
सारे लोग प्रवासी.

ज्ञान देने  आते है,
संज्ञान लेके जाते है,
इक से एक याँ बढ़कर,
लोग सारे जज़्बाती.

पूर्वी है अगर कोई,
कोई इनमे मद्रासी,
उर्दू दां कोई है तो,
है कोई ब्रज भाषी.

हिंदी सब ही लिखते है,
बोलते भी, पढ़ते भी,
प्यार इससे करते है,
'हिंदी ब्लॉग' के वासी.

सोच है अलग सबकी,
पेशा भी जुदागाना,
भिड़ भी जाते है अक्सर,
फितरतन करामाती.

डाक्टर भी है इनमे,
सी.ए., बी.ए., एम्.ए.भी,
है कोई गृहस्थिन तो,
कोई इनमे व्यापारी.

रचता है अगर साहित्य,
ज्ञान भी यहाँ बटता,
मेल दिल के होते है,
ख़ुश रहे मुलाकाती.


Note: {Pictures have been used for educational and non profit activies. 
If any copyright is violated, kindly inform and we will promptly remove the picture.}
-- mansoor ali hashmi 

1 comment:

विष्णु बैरागी said...

बन्‍द कमरे में बैठे हैं अकेले
नाप रहे हैं दुनिया सारी।
करती है अकेला या कि
जोडती है ब्‍लॉगरी।