Tuesday, July 31, 2012

ऐसा बोलेंगा तो !

ऐसा बोलेंगा  तो !

'कांसो'* पे भी संतोष जो करले; हमी तो है,           *[कांस्य पदक]
'सोने' से अपने 'ख़्वाब'  को भरले; हमी तो है.

'मनरेगा'  से भी पेट जो भर ले हमी तो है,    [म. गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना] 
भेंसो के चारे को भी जो चर ले हमी तो है.

रिश्वत से काम लेने की आदत सी पड़ गयी,
कागज़ की  नाव पर भी जो तर ले हमी तो है.

"पेशाब कर रहा है गधा इक खड़ा हुआ",
दीवारों पे लिखा  हुआ पढ़ ले हमी तो है !

'बोफोर्स' हो , 'खनन' कि वो 2G ही क्यों न  हो,
'आदर्श' हरइक घपले को कर ले  हमी तो है.

--mansoor ali hashmi 

1 comment:

विष्णु बैरागी said...

होने दो जो हो रहा है, इससे मुझे है क्‍या
चिल्‍लाते हैं बाद में, हमीं तो हैं।