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Monday, November 3, 2014

Ek, Do, Teen hai.....!

एक, दो, तीन हैं !

सभ्यताएं सभी 
जीर्ण है, क्षीर्ण हैं।  

Jack तो है बहुत 
कौन प्रवीण हैं  ?  

लाये Sweetie थे हम 
अब वो नमकीन हैं। 

जांच कर लीजिये 
भैंस है, बीन हैं। 

खुशनुमा वादियाँ 
लोग ग़मगीन हैं।  

दोस्त, दुश्मन नुमा,
पाक है, चीन हैं।  

धन को 'काला' कहे !
यह तो तौहीन हैं।  

है बग़ल  में छुरी 
लब पे आमीन हैं।  

सुब्ह अलसायी तो 
शाम रंगीन हैं।    

'पाद' सुर के बिना !
कौन ? 'चिरकीन' है !

धर्म हैं दीन हैं
लोग तल्लीन हैं।

दौड़, कर दे शुरू .....
एक-दो-तीन हैं।

चार लाईना

स्वप्न बिकते यहाँ 
रीत प्राचीन हैं 
सैर कर लीजिये 
उड़ता कालीन हैं। 

--mansoor ali hashmi